रुपये की रिकॉर्ड गिरावट के बाद भारत सरकार ने सोने के आयात पर 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. माना जा रहा है कि सरकार का यह कदम सोने के आयात को कम करने के मकसद से लगाया गया है. क्योंकि जब वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया जाता है तो वह वस्तु महंगी हो जाती हैं, जिससे आयात कम हो जाता है.
वर्तमान में पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति ठीक नही चल रही है और भारत भी इससे अछूता नही रह गया है. भारत सोने पर इसलिये अधिक टैक्स लगा रहा है, जिससे कि भारत का आयात बिल का मान ज्यादा न बढ़े. क्योंकि आयात बिल बढ़ने से चालू खाता घाटा बढ़ जाता है. मई के महीने में देश का व्यापार घाटा 24.29 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया. वहीं देश ने मई महीने में 6.03 अरब डॉलर का सोने आयात किया.
भारत के सोने का यह आयात पिछले साल के मई महीने की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक बढ़ा गया है. वहीं भारत के पिछले साल के सोने के आयात की बात करें तो वह बीते 10 सालों से भी अधिक था. पिछले साल सोने का आयात बढ़ने का प्रमुख कारण कोरोना महामारी के बाद लोगों की डिमांड में बढ़ोतरी को माना गया था.
बीते साल में देश के प्रमुख आभूषण बनाने वाले कारोबारियों ने सोने के तस्करी को कम करने के लिए सरकार से आग्रह किया था, कि सोने पर लगने वाले आयात शुल्क को कम किया जाये. सरकार ने कारोबारियों की बात पर ध्यान देते हुए बजट 2022 में सोने पर आयात शुल्क को घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया था.
वहीं अगर दूसरे देशों में सोने पर आयात शुल्क की स्थिति को देखे तो चीन, सिंगापुर, अमेरिका जैसे देशों ने अपने घरेलू बाजार को मजबूत करने के लिए सोने पर आयात शुल्क को पूरी तरह से खत्म ही कर दिया है. आपको बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने और उससे बने आभूषणों का उपभोक्ता है.
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