रिजर्व बैंक को सता रही है रुपये के गिरावट की चिंता: डिप्टी गवर्नर पात्रा

24 जून, शुक्रवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा भारतीय रिजर्व बैंक बाजार में अस्थिरता के कारण रुपये की गिरती स्थिति को ठीक करने के लिये प्रतिबद्ध है.

पात्रा ने इस बात का भी संकेत दिया कि महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और डीग्लोबलाइजेशन से अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति अपने चरम पर है. वस्तुओं और कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. पात्रा ने इस बात पर जोर देकर कहा कि RBI यह सुनिश्चित करने के कोशिश कर रहा कि भारत में 'रनवे इनफ्लेशन' की स्थिति में न आये.

आपको बता दें कि जब महंगाई एक निश्चित सीमा से अधिक तेजी से बढ़ने लगे तो 'रनवे इनफ्लेशन' कहते हैं. उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया था कि आरबीआई आने वाले समय में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मंहगाई की स्थिति का सामना करने की अधिक संभावना है, जो लगातार तीन तिमाहियों के लिए 6 प्रतिशत की तय सीमा को पार कर रही है.


महंगाई कम करने की जिम्मेदारी किसकी?उन्होंने आगे कहा कि इस तय सीमा से अधिक महंगाई के लिए RBI को सरकार प्रति जबावदेह होना होगा क्योंकि महंगाई का लक्ष्य (2 फीसदी से 6 फीसदी के बीच) सरकार तय करती है. जबकि लक्ष्य को हासिल करने की जिम्मेदारी RBI की होती है. RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि उम्मीद है कि महंगाई से निपटने के लिए भारत की मौद्रिक नीति दुनिया के दूसरे देशों के केंद्रीय बैंको की तुलना में कम कठोर होगी. 


रुपये की गिरावट की स्थिति और भविष्य?कार्यक्रम में पात्रा ने रुपये की गिरावट पर कहा कि भारतीय करेंसी रुपये की गिरावट इसी समय काल में अन्य देशों की करेंसी तुलना में कम है जिसका प्रमुख कारण भारत का मजबूत विदेशी भंडार है. भारत का वर्तमान फोरेक्स रिज़र्व 600 अरब डॉलर के आस पास है. उन्होंने आगे कहा कि हमें नहीं पता कि आने वाले समय में रुपया कहां होगा. हम यह भी नहीं अनुमान लगा सकते हैं कि डॉलर की वैल्यू क्या  होगी? यहां तक ​​कि अमेरिकी फ़ेडरल बैंक को भी नहीं पता कि आने वाले समय में डॉलर की वैल्यू क्या होगी? लेकिन उन्होंने कहा कि हम एक बात गारंटी के साथ कह सकते हैं कि RBI गिरते हुए रुपये को स्थिरता के लिए हमेशा खड़ा होगा. हालाँकि RBI के पास ऐसा कोई निश्चित बिंदू नही है कि रुपये को इतने पर करना है. रुपये की वैल्यू बाजार विनिमय दर पर आधारित होगी.

सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग पर रहेगा फोकस!एमएसएमई उद्योग पर आरबीआई गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष एमएसएमई उद्योग के लिए बेहतर होने वाला है. उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि आरबीआई एमएसएमई के लिये लोन की उपलब्धता और लोन की लागत में सुधार करने के लिए काम कर रहा है. पात्रा ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक बड़े उद्योगों और सरकारी विभागों से यह आग्रह करेगा कि एमएसएमई को उनकी बकाया प्राप्तियों के संबंध में जल्द ही भुगतान किया जाए. कार्यक्रम के अंतिम में पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य चाहते थे कि पात्रा आने वाले समय में ब्याज दर पर बात करें कि क्या ब्याज दर अभी और बढ़ाया जायेगा? क्या रेपो रेट में और बढ़ोतरी होगी? पात्रा ने इन सवालों फिलहाल के लिए टाल दिया.

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रोहित 'रिक्की'

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