क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर कर को लेकर CBDT ने जारी किये दिशा-निर्देश

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर कर कटौती को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. जारी दिशा निर्देशों को 1 जुलाई 2022 से लागू किया जायेगा. इस कर कटौती के लिए CBDT ने आयकर अधिनियम के भीतर एक नई धारा 194एस का प्रावधान किया है.

धारा 194एस को वित्त अधिनियम-2022 के माध्यम से आयकर अधिनियम में डाला गया है. जिसमें एक साल के भीतर क्रिप्टो और अन्य वर्चुअल डिजिटल संपत्ति, जिसकी वैल्यू 10,000 रुपये से अधिक की है, के ट्रांसफर पर 1% कर कटौती को अनिवार्य करता है. साथ ही वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर TDS को लेकर एक लंबा चौड़ा डिस्क्लोजर भी पेश किया है.

इसमें यह भी कहा गया है कि क्रिप्टो के पेमेंट तारीख से लेकर भुगतान के माध्यम तक को भी बताना जरूरी है. इन प्रावधानों को लागू करने के लिए CBDT ने फॉर्म 26QE और फॉर्म 16E में TDS रिटर्न फ़ाइल करने के लिए आयकर अधिनियम में कुछ संशोधनों का भी जिक्र किया है.

अधिनियम की धारा 194S के मुताबिक TDS केवल एक्सचेंज द्वारा काटा जा सकता है जो विक्रेता को क्रेडिट कर रहा है या भुगतान कर रहा है. आगे सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसे मामलों में जहां एक्सचेंज और विक्रेता के बीच क्रेडिट या भुगतान ब्रोकर के माध्यम से होता है तो अधिनियम की धारा 194एस के मुताबिक टैक्स काटने की जिम्मेदारी एक्सचेंज और ब्रोकर दोनों की होगी.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह भी बताया की एक्सचेंजों के द्वारा इकट्ठा किया गया TDS किसी भी महीने के अंतिम दिन से 30 दिन के भीतर जमा किया जाना आवश्यक है. साथ ही एक्सचेंज को आयकर नियम-1962 में निर्धारित नियत तारीख को या उससे पहले तिमाही के सभी लेनदेन के लिए एक त्रैमासिक विवरण फॉर्म संख्या 26QF में देने की भी आवश्यकता होगी. इस विवरण फॉर्म में एक्सचेंजों को अपने आयकर रिटर्न और सभी लेनदेन को शामिल किया जाना है.

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रोहित 'रिक्की'

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