सेबी ने स्टॉक ब्रोकर्स को अपने डीमैट खातों से संबंधित कुछ जानकारी देने को कहा
शेयर बाजार नियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोमवार को स्टॉक ब्रोकर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिये हैं. सेबी ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि स्टॉक ब्रोकरों के सभी डीमैट एकाउंट जो अभी तक टैग नही हैं. 30 जून 2022 तक सही तरह से टैग करा लें. अर्थात सभी ब्रोकर्स को सभी कैटेगरी के डीमैट एकाउंट्स का नामकरण करना होगा जिससे यह पता चल सके कि उन्होंने उस डीमैट एकाउंट्स को किस मकसद से खोला है. वहीं 1 जुलाई से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते से किसी भी शेयरों की खरीदारी नही हो सकेगी और अगस्त से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट एकाउंट में शेयरों की बिक्री नही हो सकेगी.
यहां डीमैट एकाउंट को टैग करने का मतलब स्टॉक मार्केट से एक डॉक्यूमेंट साझा करना है जिसमें शेयरों के लेनदेन से संबंधित सभी तरह के ट्रेंड्स और रणनीतियों का रिकॉर्ड रहता है. अब टैग होने से उस डीमैट एकाउंट की सारी जानकारी स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरी (NSDL और CSDL) को पता लग सकेगा. जिससे शेयर बाजार में अधिक पारदर्शिता आएगी.
सेबी ने आगे बताया कि स्टॉक ब्रोकर्स को 1 अगस्त से ऐसे डीमैट एकाउंट को टैग करवाने के लिए स्टॉक मार्केट से अनुमति लेनी होगी और इस बीच टैग करने में जो देरी हुई है, उसका जुर्माना भी भरना पड़ेगा. जुर्माना भरने के 2 दिन के बाद टैगिंग हो पाएगी. यहाँ एक ध्यान देने वाली बात है कि यह प्रक्रिया उन डीमैट एकाउंट पर नही लागू होगा जिनका उपयोग स्टॉक ब्रोकरों द्वारा बैंकिंग गतिविधियों के लिए विशेष रूप से किया जाता है.
आप को बता दें कि वर्तमान में पाँच प्रकार के डीमैट एकाउंट होते हैं. प्रोपराइटरी एकाउंट, पूल एकाउंट, क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज, क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन प्लेज अकाउंट और क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन फंडिंग अकाउंट.
सेबी ने आगे यह भी कहा है नियमों के अनुसार अनुसार ब्रोकर्स को यह घोषित करना होगा कि यह उसका प्रोराइटरी एकाउंट है और साथ ही उसने जिन एकाउंट्स को उसने टैग नही स्टॉक एक्सचेंज से टैग नही करवाया है उन सभी को भी प्रोपराइटरी एकाउंट मान लिया जाएगा.
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