सरकार का राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने की तैयारी

अधिकारियों के बेफिजूल यात्राओं पर लगेगी रोक

वित्त मंत्रालय ने गैर-जरूरी सरकारी खर्चों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि सभी कर्मचारी हवाई यात्रा करते समय यह ध्यान रखेंगे कि उनकी यात्रा के लिए जिस कैटेगरी की फ्लाइट को तय किया गया है, उसमें सबसे कम किराये वाली टिकट लेकर सफर करेंगे. साथ ही अपनी यात्रा की तिथि से कम से कम तीन हफ्ते पहले ही अपनी टिकट बुक करा लेंगे. जहां तक संभव हो सभी कर्मचारी अपनी किसी एक यात्रा के लिए अपनी एक ही टिकट बुक करेंगे. अगर यात्रा संभावित है और सहमति की प्रक्रिया चल रही है, तो पहले ही टिकट बुक कर लें जिससे तत्काल में ज्यादा भुगतान से बचा जा सके. जहां तक संभव हो टिकट के बेफिजूल कैंसिलेशन से भी बचें. 

मंत्रालय का कहना है कि सरकारी अफसरों को केवल तीन अधिकृत एजेंटों से ही बुकिंग करानी है या खुद भी इनकी बेबसाइट से बुक कर सकते हैं जिसमें बामर लॉरी एंड कंपनी, अशोक ट्रैवल एंड टूर्स और आईआरसीटीसी शामिल हैं. अगर कोई बुकिंग यात्रा के 72 घंटे से कम समय के भीतर की गयी है या फिर यात्रा के 24 घंटे के भीतर टिकट को कैंसिल किया गया है तो कर्मचारी को सरकार के तय नियमों को ध्यान में रखकर इस बात की सफाई देनी होगी कि उसने ऐसा क्यों किया. 

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों को उनके लिए उपलब्ध श्रेणी में सबसे सस्ती फ्लाइट लेनी चाहिए. जहां तक संभव हो नॉन-स्टाप रूट की फ्लाइट लेनी चाहिए जिससे किराए में बचत होगी. साथ ही यह भी कहा कि किसी एक यात्रा के लिए केवल एक ही ट्रैवल एजेंट से टिकट बुक कराना चाहिए और बुकिंग पर किसी भी तरह के शुल्क का भुगतान नहीं करना चाहिए.

आगे कहा कि कर्मचारियों को यात्रा पर जाने से कम से कम 21 दिन पहले फ्लाइट की टिकट बुक कर लेनी चाहिए, जिससे कम से कम मूल्य में टिकट मिल सके और सरकारी खजाने पर बोझ को कम किया जा सके. मंत्रालय ने निर्देश में यह भी कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी डिजिटल बुकिंग को बढ़ावा दें और अपनी एक यात्रा लिए एक ही टिकट बुक करें. एक बार में एक से ज्यादा टिकट बुक नही कर सकते हैं. 

हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में अधिकतम दो टिकट बुक कर सकते हैं. यह छूट भी उन्हें तभी मिलेगी जब कर्मचारी अपनी उसी एक यात्रा के दौरान किसी अन्य फ्लाइट में बुकिंग ली होगी. लेकिन उसे इसके लिए भी जबाब देना होगा. वहीं अगर इमरजेंसी में किसी कर्मचारी ने सरकार के द्वारा गैर-अधिकृत ट्रैवल एजेंट से टिकट बुक कर लिया है, तो ऐसी स्थिति में छूट सिर्फ संयुक्त सचिव या इससे ऊपर का अधिकारी ही दे सकता है. 

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को यह आदेश दिया है कि किसी भी यात्रा के पूरी होने के 30 दिनों के भीतर ट्रैवल एजेंटों को बकाया चुका देना है. वहीं कर्मचारियों को यात्रा के कंफर्मेंशन के 72 घंटे के भीतर जानकारी देनी होगी. साथ ही सभी मंत्रालयों को 31 अगस्त 2022 तक ट्रैवल एजेंटों को अपने सभी पिछले बकाया राशि का भुगतान करना होगा. 

आप को बता दें कि वित्त मंत्रालय पहले से ही अधिक हुए राजकोषीय खर्च को कम करने के लिए यह कदम उठा रहा है. क्योंकि पहले ही पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती, अन्य वस्तुओं पर सीमा शुल्क में कटौती से सरकार के कर प्राप्ति में कमी हो गई है. दूसरी ओर सरकार को उर्वरक सब्सिडी देने और गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना के कारण अधिक राजस्व खर्च का सामना करना पड़ रहा है.

इसके अलावा भविष्य में भी क्रूड ऑयल के महंगे होने पर घरेलू स्तर पर सब्सिडी देने का बोझ हटता नही दिख रहा है. इन सभी मिले-जुले कारणों से सरकार को ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं. जिससे कि आगे आने वाले समय में राजकोषीय घाटे को तय सीमा के भीतर लाया जा सके. जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GDP के 6.4 फीसदी के बराबर या कम होना चाहिए.

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रोहित 'रिक्की'

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